लेखक:
लियो तोल्सतोय
जन्म : 9 सितम्बर (पुराने कैलेण्डर के हिसाब से 28 अगस्त), 1828, रूसी साम्राज्य के तूला प्रान्त की यास्नाया पोल्याना जागीर में। निधन : 20 नवम्बर (पुराने कैलेण्डर के अनुसार, 7 नवम्बर) 1910, अस्तापोवो, रूस। आधुनिक इतिहास में यदि किसी विचारक-लेखक की ख्याति उसकी ज़िन्दगी में ही पूरी दुनिया में फैल चुकी थी और जीते-जी ही यदि वह एक मिथक बन गया था, तो वे निस्सन्देह लेव तोल्स्तोय ही थे। उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध के साहित्यिक परिदृश्य पर जिस तरह बाल्ज़ाक छाये हुए थे, उसी तरह उत्तरार्द्ध के साहित्यिक परिदृश्य पर तोल्स्तोय का प्रभाव-साम्राज्य फैला हुआ था। आम तौर पर, तोल्स्तोय को उनके दो वृहद और महान उपन्यासों - ‘युद्ध और शान्ति’ तथा ‘आन्ना कारेनिना’ के लिए जाना जाता है। इनकी गणना निर्विवाद रूप से, अब तक लिखे गए दुनिया के सर्वोत्कृष्ट उपन्यासों में की जाती है। कुछ लोग उनके तीसरे प्रसिद्ध उपन्यास ‘पुनरुत्थान’ को भी इसी कोटि में शामिल करते हैं। उनकी एक और चर्चित कृति ‘इवान इलिच की मौत’ की गणना उपन्यासिका के सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों में की जाती है। अपने अन्तिम तीस वर्षों के दौरान एक धार्मिक और नैतिक शिक्षक के रूप में उन्हें विश्वस्तरीय ख्याति मिली। बुराई का प्रतिरोध न करने के उनके सिद्धान्त का गाँधी पर भी महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ा था। दुनिया आज तोल्स्तोय की धार्मिक मान्यताओं को भुला चुकी है, लेकिन साहित्यकार तोल्स्तोय की ख्याति आज भी अक्षुण्ण है और विश्व-साहित्य की क्लासिकी सम्पदा में अद्वितीय अभिवृद्धि करनेवाले महान साहित्य-सर्जक के रूप में उन्हें शताब्दियों बाद ही नहीं, बल्कि सहस्राब्दियों बाद भी याद किया जाएगा। |
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आन्ना कारेनिना-1लियो तोल्सतोय
मूल्य: $ 30.95
आन्ना कारेनिना-1... आगे... |
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आन्ना कारेनिना-2लियो तोल्सतोय
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आन्ना कारेनिना-2... आगे... |
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क्रूज़र सोनाटालियो टॉल्स्टॉय
मूल्य: $ 19.95 पिता और पुत्र के नितान्त भिन्न व्यक्तित्वों और कारनामों के रूप में तोल्स्तोय ने दो पीढ़ियों को आमने–सामने खड़ा किया है। आगे... |
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तीन सवाललियो तोल्सतोय
मूल्य: $ 1 लियो तोल्सतोय की लेखनी से निकली कहानी तीन सवाल.... आगे... |
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पुनरुत्थानलियो तोल्सतोय
मूल्य: $ 3.95 आधुनिक इतिहास में यदि किसी विचारक-लेखक की ख्याति उसकी ज़िन्दगी में ही पूरी दुनिया में फैल चुकी थी और जीते-जी ही वह एक मिथक बन गया था, तो वे लेव तोल्स्तोय (1828-1910) ही थे। आगे... |